ये रात औऱ है,औऱ वो रात औऱ थी.... ! ये रात औऱ है,औऱ वो रात औऱ थी.... !
आज ये मंज़र ,ये वक़्त कुछ और है, आज कलम के लफ़्ज़ों में आवाज़ कुछ और है। आज ये मंज़र ,ये वक़्त कुछ और है, आज कलम के लफ़्ज़ों में आवाज़ कुछ और है।
तू जा मत बता दे सता मत सज़ा दे। तू जा मत बता दे सता मत सज़ा दे।
मेरी परछाई बनकर खड़ा है। मेरी परछाई बनकर खड़ा है।
बिना कुछ बोले काफ़ी कुछ कह गए, नज़रों ही नज़रों में एक दूसरे के रह गए। बिना कुछ बोले काफ़ी कुछ कह गए, नज़रों ही नज़रों में एक दूसरे के रह गए।
ये लंगोटधारी ये लंगोटधारी